सामजिक संगठनों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट की सीएमओ जांच का आश्वासन देकर शांत कराया

सामजिक संगठनों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट की सीएमओ जांच का आश्वासन देकर शांत कराया
सामजिक संगठनों का उग्र प्रदर्शन, पुलिस ने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट की सीएमओ जांच का आश्वासन देकर शांत कराया

काकोरी पेशाब कांड: आरोपी की गिरफ्तारी न होने से आक्रोशित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने थाने का किया घेराव।

पांच घंटे के गतिरोध के बाद, सीएमओ स्तर की जांच और रिपोर्ट गलत पाए जाने पर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की पुलिस की गारंटी पर प्रदर्शन खत्म।

काकोरी लखनऊ। काकोरी के शीतला मंदिर में दलित बुजुर्ग रामपाल रावत के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के मामले में बुधवार को कई पासी संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर काकोरी थाने का घेराव किया और करीब पाँच घंटे तक जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
​प्रदर्शनकारियों ने कड़ा आरोप लगाया कि इस अमानवीय कृत्य का आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए जानबूझकर बीमारी का बहाना बनाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती है, जबकि वास्तव में वह स्वस्थ है।

​विरोध प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए काकोरी, दुबग्गा, पारा, मानक नगर नाका, तालकटोरा सहित कई थानों की पुलिस बल के साथ एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) स्तर के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
​एसीपी काकोरी शकील अहमद ने बताया कि प्रदर्शनकारी इस बात पर शांत हुए कि आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट की जाँच सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) स्तर से कराई जाएगी और यदि जाँच में वह रिपोर्ट गलत पाई जाती है, तो आरोपी को तत्काल गिरफ्तारी के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना घेराव समाप्त कर दिया।

पेशाब प्रकरण में प्रदर्शन का ऐलान

​पेशाब प्रकरण में आरोपी, स्वामी कांत, की बीमारी का हवाला देकर गिरफ्तारी न होने से सुहेल देव आर्मी व राष्ट्रीय कल्याण मंच के पदाधिकारियों में भारी आक्रोश था। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कस्बे में एक बड़े विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। इस सूचना के बाद एलआईयू (स्थानीय खुफिया इकाई) और पुलिस टीम पहले से ही सतर्क थीं।

​सुहेल देव आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेश कुमार और राष्ट्रीय कल्याण मंच के अध्यक्ष अनोद कुमार के नेतृत्व में आक्रोशित लोगों ने काकोरी कोतवाली के गेट पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। धीरे-धीरे कई अन्य संगठन के लोग भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होते गए। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि पुलिस प्रशासन पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए उसकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आरोपी बीमारी का झूठा बहाना बना रहा है।
​इस दौरान दुबग्गा इंस्पेक्टर अभिनव कुमार वर्मा ने कई बार प्रदर्शनकारियों से बात करने और उन्हें शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।
​करीब 5 घंटे तक चले इस गतिरोध के बाद, मौके पर मौजूद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से सीधे बातचीत की और उन्हें ठोस आश्वासन दिया। अधिकारियों ने गारंटी दी कि आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट की जाँच सीएमओ स्तर पर होगी, और अगर रिपोर्ट गलत साबित हुई, तो आरोपी को गिरफ्तारी के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने आखिरकार अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

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