जीवन का परम सत्य
- Posted By: Alopi Shankar 
                                                                            
                                                                    
                                 - खबरें हटके
 - Updated: 1 November, 2020 19:31
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                                                            प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज
संग्रहकर्ता - सुरेश चंद्र मिश्रा "पत्रकार"
।।जीवन का परम सत्य ।।
जगत् सार सर्वस्व हरि का भजन तज विषय के विपिन का प्रवासी बना है।
सदा ब्रह्म आनंद में रहने वाला नरक के नगर का निवासी बना है।।
नृपति चक्रवर्ती का सुकुमार बालक क्यों टुकडों के ख़ातिर भिखारी हुआ है।
त्रिलोकी की सत्ता को ठुकरा अभागा कहाँ वासना का पुजारी हुआ है।
तूं आनंद घन बह्म में रमने वाला गया भूल अपना सहज रूप मूरख।
अरे सिंह शावक कहाँ सूकरों के शिविर में उलझ कर उदासी बना है।
जगत् सार सर्वस्व हरि का भजन तज विषय के विपिन का प्रवासी बना है। ।1।।
कहाँ जन्म तेरा कहाँ मृत्यु तेरी तू है हंस अमृत सरोवर का प्यारे।
भला कैसे भव सिंधु तूं पार होगा न नौका न नाविक न दिखते किनारे।
तूं चेतन अमल सच्चिदानंद घन था कहाँ इन नटों के कबीलों में उलझा।
भवन धन सुखद तन के चक्कर में पड कर ये निर्लेप ज्ञानी विलासी बना है।।
जगत् सार सर्वस्व हरि का भजन तज विषय के विपिन का प्रवासी बना है।। 2।।
कई जाति कुल योनि में तन धरे हैं कई तात माता सखा पुत्र जाया।
अनेकों सुह्रद बंधु भार्या सखा थे इन्हीं में जनम तूनें लाखों गंवाया।
सभी साध कर अपना स्वारथ चले तूं गया रह भयंकर विपिन में अकेला।
जगत की भलाई का करता था दावा अभागा स्वयं सर्वनाशी बना है।
जगत् सार सर्वस्व हरि का भजन तज विषय के विपिन का प्रवासी बना है।। 3।।
जभी जीव जागे तभी है सबेरा हुआ जो उसे भूल कर हरि भजन कर।
हुए मुक्त खड्वांग थे दो घड़ी में उतर चित गुहा में मुकुति का जतन कर।
परब्रह्म निर्मल,,ह्रदय में बसा है ये जाना जो वैकुंठ वासी बना है।।
जगत् सार सर्वस्व हरि का भजन तज विषय के विपिन का प्रवासी बना है। सदा ब्रह्म आनंद में रहने वाला नरक के नगर का निवासी बना है।। 4।।
कृपया इस रचना को काव्य विनोद मात्र न मान कर इसके भाव हृदयंगम करें और सत्य का साक्षात्कार करें।
।।जै जानकी जीवन।।
                                                        
                                                                
                                                                
                                                                
            
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