लचर स्वास्थ्य व साफ सफाई व्यवस्था से संकट में शंकरगढ़: अधिकारी चुप्पी साधे मौन,

लचर स्वास्थ्य व साफ सफाई व्यवस्था से संकट में शंकरगढ़: अधिकारी चुप्पी साधे मौन,

संवाददाता 

📍 शंकरगढ़, प्रयागराज

शंकरगढ़ विकासखंड में सफाई और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। बारिश के मौसम में जहां कीटनाशक दवाओं का छिड़काव होना अनिवार्य था, वहीं जुलाई के अंतिम सप्ताह तक भी अधिकांश गांव इससे वंचित हैं। क्षेत्रीय प्रशासन की लापरवाही अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। गांवों में गंदगी, बजबजाती नालियां और बहता गंदा पानी बीमारियों को खुला निमंत्रण दे रहे हैं।

विलंब से मिली दवा, छिड़काव में अभाव 

एडीओ पंचायत दशरथ लाल यादव ने माना कि दवाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराई गईं, जिससे छिड़काव में देरी हो रही है। उनका दावा है कि सफाई कर्मचारियों की टीमें गांवों में लगाई गई हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। अधिकतर गांवों में ना तो छिड़काव हुआ है और ना ही सफाई की कोई प्रभावी व्यवस्था दिखाई दे रही है।

सफाई कर्मियों की जी-हजूरी और जिम्मेदारों की चुप्पी

स्थानीय समाजसेवी शैलेंद्र कुमार का आरोप है कि अधिकांश सफाईकर्मी अपने नियमित कार्यों को छोड़ ब्लॉक कार्यालय में अधिकारियों की चापलूसी में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि सफाईकर्मियों को ब्लॉक स्तरीय संरक्षण प्राप्त है, जिसकी वजह से उन पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होती।

लोगों की उम्मीदें टूटीं, आवाज़ें उठने लगीं

खंड विकास अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे मनोज कुमार सिंह से लोगों को साफ-सफाई और विकास को लेकर नई उम्मीदें थीं। मगर गांव की दुर्दशा देखकर अब लोग निराश देखने को मिला शंकरगढ़ क्षेत्र में साफ-सफाई और स्वास्थ्य व्यवस्था की इस लचर स्थिति ने ग्रामीणों के जीवन को संकट में डाल दिया है। यदि समय रहते प्रशासन जागरूक नहीं हुआ, तो आने वाले समय में मौसमी बीमारियां और महामारी जैसी स्थितियां क्षेत्र के लिए गंभीर चुनौती बन सकती हैं।

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