टीके के अभाव उपचार के रूप में 8 सप्ताह के गैप का फॉर्मूला सरकार के विफलता का फार्मूला- सुनील सिंह
- Posted By: Admin
- खबरें हटके
- Updated: 16 May, 2021 22:09
- 566

PPN NEWS
16, मई 2021
टीके के अभाव उपचार के रूप में 8 सप्ताह के गैप का फॉर्मूला सरकार के विफलता का फार्मूला- सुनील सिंह
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने वैक्सीन के 8 सप्ताह के गैप का फार्मूला सरकार द्वारा निकाले जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है भारत की वैक्सीन पॉलिसी प्रधानमंत्री की छवि को ध्यान रखकर तय की जा रही है प्रधानमंत्री जी जो चाहेंगे वही होगा।सिंह ने कहा है कि देश में वैक्सीनेशन को लेकर इतनी भ्रम की स्थिति क्यों है ?अगर पिछले चार महीनों के सरकार के बयान देखें तो, कोई भी बयान स्पष्ट नहीं है भारत सरकार की नीतिगत अस्पष्टता है कि वह यह सोच भी नहीं पा रही है कि कब क्या निर्णय लेना जनहित में उचित होगा।
सरकार का यह पहला कन्फ्यूजन नहीं है। यही तमाशा, काला धन, आतंकी फंडिंग्स, नकली मुद्रा, कैशलेस और कैशलेस आर्थिकी के रूप में नोटबंदी के रूप में हुआ, यही तमाशा, साल 2020 के लॉक डाउन के दौरान बेहद शर्मनाक कुप्रबंधन के रूप में हुआ, यही तमाशा चीन की लदाख में घुसपैठ पर हुआ, जब एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए और पीएम कह रहे थे कि न तो कोई घुसा था, और न ही कोई घुसा है, और अब यही तमाशा अब वैक्सीनशन में हो रहा है।सरकार गवर्नेंस के लगभग मामलों में कंफ्यूज है बस वह केवल दो मामलो में कंफ्यूज नहीं है, एक तो प्रधान मंत्री की छवि न खराब हो और दूसरे सेंट्रल विस्टा का काम न रुकें। गंगा सहित अन्य नदियों में लाशें बहती रहे, दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी से लोग मरते रहें, यह सब तो राज काज है, यूं ही चलता रहेगा, चलता रहता है।
महामारी के समय में केंद्र सरकार द्वारा गलत निर्णय का नतीजा है केंद्र सरकार द्वारा कहा गया है कि सरकार ने यह निर्णय किया कि राज्य सरकारें, अपने स्तर पर वैक्सीन के संबंध में कोई भी प्रयास न करें। जितनी भी ज़रूरत होगी, वह वैक्सीन केंद्रीय स्तर पर भारत सरकार ही खरीदेगी।
यह वह समय था जब दुनिया भर में वैक्सीन को लेकर शोध और ट्रायल हो रहे थे, और यूरोप और अमेरिका के कोरोना से पीड़ित देश अपने-अपने देश की ज़रूरतों के अनुसार वैक्सीन के लिये ग्लोबल आदेश दे रहे थे। लेकिन उस समय भारत सरकार, सिर्फ सीरम इंस्टीट्यूट को ही कुछ वैक्सीन का आर्डर डेकर अपने चहेते टीवी चैनलों पर वैक्सीन गुरु का खिताब बटोर रही थी।
श्री सिंह ने कहा है कि जब आग लगती है तो कुआँ खोदना सरकार की आदत में है। और जब वह कुआँ खुदने लगता है तो उसका वह श्रेय लेने के लिये आ जाती है। आग बुझे या न बुझे, या आग लगी कैसे, यह सब उसकी प्राथमिकता में रहता ही नहीं है।
Comments