जीवन के हर चरण में मधुमेह: जागरूकता ही स्वास्थ्य, गरिमा और आत्म-प्रबंधन की कुंजी

जीवन के हर चरण में मधुमेह: जागरूकता ही स्वास्थ्य, गरिमा और आत्म-प्रबंधन की कुंजी

जीवन के हर चरण में मधुमेह: जागरूकता ही स्वास्थ्य, गरिमा और आत्म-प्रबंधन की कुंजी

WHO ने 2030 तक मधुमेह निदान और नियंत्रण के लिए 5 वैश्विक लक्ष्य निर्धारित किए, भारत में जागरूकता अभियान की अपील।

14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस, फार्मेसिस्ट फेडरेशन अध्यक्ष ने कहा- अनुशासन और सही उपचार से संभव है सामान्य जीवन।

मधुमेह (Diabetes) केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ा एक संदेश है, जिसे सही जागरूकता, नियमितता और निरंतर देखभाल से नियंत्रित किया जा सकता है। यह बात विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) से ठीक पहले फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष एवं स्टेट फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कही। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रतिवर्ष 14 नवंबर को मनाए जाने वाले इस दिवस का इस वर्ष का विषय है: "जीवन के हर चरण में मधुमेह" (Diabetes across life stages)।

​यह विषय इस तथ्य पर जोर देता है कि मधुमेह जीवन की किसी भी आयु में—बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक—किसी को भी प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि उचित देखभाल, सही उपचार, शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर और पोषक पदार्थों के सही सेवन से इस रोग के होने या रोग की गंभीरता दोनों से प्रभावी ढंग से बचा जा सकता है।

​श्री सुनील यादव ने आम जनता से अपील की कि हम सभी को अपनी शारीरिक दिनचर्या, संतुलित आहार और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, "मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसे समझदारी, अनुशासन और सही उपचार से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। जो लोग पहले से ही मधुमेह से पीड़ित हैं, वे डॉक्टर और फार्मेसिस्ट के परामर्श अनुसार दवा एवं आहार का पालन करते हुए भी पूर्णतः स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।"

​यादव ने आगे बताया कि मधुमेह नियंत्रण और रोकथाम के लिए बचपन, युवावस्था, प्रजनन काल और वृद्धावस्था—सभी चरणों में एकीकृत प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने समाज से यह भी आह्वान किया कि मधुमेह रोगियों के लिए एक सहायक वातावरण (supportive environment) बनाया जाना चाहिए ताकि वे आत्म-प्रबंधन (self-management) के साथ एक गरिमामय जीवन जी सकें। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि शारीरिक क्रियाकलाप की कमी और स्वास्थ्य के लिए अनुपयुक्त (unhealthy) भोज्य पदार्थों का सेवन इस बीमारी का प्रमुख कारक है।

​WHO के 2030 तक के 5 बड़े लक्ष्य:

​विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मधुमेह के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 तक पाँच वैश्विक लक्ष्य तय किए हैं, जिनका उद्देश्य रोग के निदान और प्रबंधन को व्यापक बनाना है:

​80% लोगों में मधुमेह का सफलतापूर्वक निदान हो।

​निदानित 80% रोगियों का रक्त शर्करा स्तर (Blood Sugar level) नियंत्रण में हो।

​निदानित 80% रोगियों का रक्तचाप नियंत्रण मेंविश्व हो।

​40 वर्ष से अधिक आयु वाले 60% मधुमेह रोगी स्टैटिन दवा लें।

​100% टाइप-1 मधुमेह रोगियों को सुलभ इंसुलिन और ग्लूकोज मॉनिटरिंग की सुविधा मिले।

​भारत में भी विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने देश के सभी फार्मासिस्टों से यह अपील की है कि वे मरीजों और उनके पारिवारिक जनों को इस रोग के संबंध में सही जानकारी दें, ताकि वे रोग से बचाव कर सकें और रोगियों को स्वस्थ होने तथा स्वस्थ बने रहने के लिए आवश्यक जानकारियां जरूर उपलब्ध कराएं।

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