श्री कृष्ण की अनुपम लीलाओं का पौराणिक ग्रंथ है श्रीमद्भागवत महापुराण-- आचार्य डॉक्टर शक्ति धर नाथ पांडेय
प्रतापगढ
09.05.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
श्री कृष्ण की अनुपम लीलाओं का पौराणिक ग्रंथ है श्रीमद्भागवत महापुराण---आचार्य डॉक्टर शक्तिधर नाथ पांडेय
प्रतापगढ़।प्रतापगढ जनपद के पश्चिमांचल स्थित नसीरपुर के निकट ग्राम विशेषरपुर में गत 3 मई 2022 से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम दिवस पर भारी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत कथा के श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह आदि विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए वेदाचार्य पंडित त्रिपुरारि पांडेय के सुपुत्र कथाव्यास आचार्य डॉ० शक्तिधर नाथ पांडेय ने बताया कि श्री कृष्ण की लीलाओं का पौराणिक ग्रंथ है श्रीमद् भागवत। जिसके श्रवण से जीवन के हर प्रश्नों का उत्तर एवं जगत की समस्याओं का समाधान हो जाता है।
आचार्य जी ने आगे बताया कि श्रीमद्भागवत पुराण मानव जीवन का एक अनुपम, उत्कृष्ट एवं आदर्श मार्गदर्शक है। श्रीमद्भागवत एक ऐसा अनूठा पौराणिक ग्रंथ है जिसमें भगवान श्री कृष्ण की रसमयी, माधुर्यमयी, ऐश्वर्यमयी एवं रहस्यमयी कथाओं का विस्तृत रूप में वर्णन मिलता है।
बड़ी तन्मयता से श्रवण कर रहे कथा के मुख्य यजमान पंडित चिंतामणि पांडेय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला देवी पांडेय ने कथा शुरू होने के पहले यज्ञशाला में विराजमान समस्त देवी देवताओं का वैदिक रीति से पूजन अर्चन किया।
कथा श्रवण करने वालों में मुख्य रूप से शिक्षाविद पंडित भवानी शंकर उपाध्याय, सेवानिवृत्त शिक्षक मनो विश्राम मिश्र, स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर के अध्यक्ष अर्जुन सिंह, शिव शंकर तिवारी, रामनरेश सिंह, राम शंकर पांडेय आदि क्षेत्र के तमाम श्रद्धालु हैं।
कथा पंडाल को सुव्यवस्थित रूप देने में जगदीश पांडेय, अवध बिहारी, गजानंद, धर्मेश कुमार,शशिकांत, प्रदीप कुमार,श्याम बिहारी, रमाकांत, श्रीकांत,मृत्युंजय,धनंजय, सिद्धनाथ, शिव बहादुर, रामनरायण,अनुभव, शिवम, सोभनाथ, राधेश्याम, उमापति, आदि परिवारीजन का विशेष योगदान है।

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