कलयुग में भागवत कथा सुनने से होगा पापों का नाश-- अनुरागी जी महाराज
 
                                                            प्रतापगढ
16.04 2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
कलयुग में भागवत कथा सुनने से होगा पापों का नाशः अनुरागी जी महाराज
प्रतापगढ़। कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य की दशा और दिशा दोनों ही बदल जाती है। कलयुग में भागवत कथा सुनने से पुण्य फल की प्राप्ति होने के साथ ही बेड़ा पार हो जाएगा। यह प्रवचन विक्रम पट्टी में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक पं.शेषधर मिश्र ने कही। उन्होंने सत्संग का महत्व समझाते हुए कहा कि सनातन बीज है, जिसे पूरी तरह से भुलाया नही जा सकता और न ही पूरी तरह से याद रखा जा सकता है। सत्संग का कोई एक शब्द आपके हृदय में बैठ जाता है, जैसे ही मनुष्य भक्तिमान बनता है, भक्तिमान ही शक्तिमान होता है।अनादिकाल से मनुष्य विचार करता चला आ रहा है कि इस जीवन में मुझे क्या करना चाहिए। इस संसार में मनुष्य यह निर्णय नही कर पाता क्या उचित है क्या अनुचित है। इसके लिए मनुष्य को धर्मग्रंथ का सहारा लेना चाहिए।श्री व्यास ने कहा भगवान ने कहा कि मृत्यु के बाद आदमी को दूसरा जीवन संभव है। चरित्र मानव की ऐसी जीवन पूंजी है कि यदि उस पर आंच आ जाए तो उसे दुबारा वापस लाना संभव नहीं है। चरित्र का निर्माण करने में सालों साल लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद हमें मानव जीवन प्राप्त हुआ है। इसे व्यर्थ मत जाने दो। समय रहते यदि आत्म कल्याण के प्रयास नहीं किए तो बाद में पछताना पड़ेगा। धर्म हमें जीवन में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हमें किस मार्ग पर चलना है यह हमें निर्धारित करना है। धर्म का पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है जिसके लिए हमें प्रयासरत रहना चाहिए। श्री व्यास ने कहा जीवन में धर्म का कुछ अंश भी अगर ग्रहण करते हुए परमार्थ का कार्य करेंगे तो हमारा मानव जीवन सार्थक होगा। मानव में असुर भाव है। क्रोध है, जिसका शमन दया से ही होगा। उन्होंने कहा कि देव हो या दानव सबसे भगवान मिल सकते हैं, लेकिन देवों में कामए दानवों में क्रोध और मानव में लोग प्रबल है।
 
                                                                    
 
                                                         
                                                                 
                                                                 
                                                                 
                                                                 
            
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