प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती
                                                            प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती
 कमलेंद्र सिंह 
पी पी एन न्यूज
फतेहपुर।
किसी ने सच ही कहा है कि प्रतिभा और सच्ची लगन किसी सहारे की मोहताज नहीं होती।
प्रतिभा और लगन के बलबूते कमजोर से कमजोर ब्यक्ति भी यदि ठान ले तो असम्भव को सम्भव कर सकता है।
जिसका जीता जागता उदाहरण हैं। असोथर गाँव के मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले ह्रितिक शुक्ला जिन्होंने लाख मुसीबतों सामाजिक उपहासों की परवाह किये बगैर ना सिर्फ अपने अपने लक्ष्य की प्राप्ति में अडिग रहे। बल्कि इसी लगन और प्रतिभा के कारण उन्होंने आज टीवी की दुनिया मे अपना एक अलग मुकाम भी हाँसिल किया।
बकौल हृतिक शुक्ला उनको शुरुआती दिनों से ही नृत्य कला के प्रदर्शन में कोई हिचक नहीं होती थी। हलांकि ना सिर्फ उनके परिजन बल्कि उनके गाँव के लोग भी उनका मजाक उड़ाते हुए उन्हें नृत्य कला से अपना ध्यान हटाकर पढ़ाई लिखाई में ध्यान देने की नसीहतें भी देते रहते थे। जो उनका मजाक उड़ाने के लिये उनको मेहरा कहकर बुलाते थे। और कहते थे कि ये सब काम तुमको शोभा नहीं देता। लोंगो ने उनको बहुत हतोत्साहित किया लेकिन हृतिक ने कुछ अलग कुछ बड़ा करने की ठानी थी। तो रुके नहीं और खुद को तराशने के लिये मुम्बई व दिल्ली गये। जहाँ इन्होंने फिल्मी दुनिया मे अपना अलग ही मुकाम हाँसिल किया और आलोचकों के मुँह बन्द कर दिया था। लेकिन फिर से भगवान ने इसकी परीक्षा ली है। और एक मार्ग दुर्घटना ने उनके जीवन मे एक विराम जरूर लगाया।
लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी। जो कि आज कुछ अलग करके अपनी और अपने छोटे से कस्बे असोथर की एक नई पहचान बनाना चाहते हैं। जिन्होंने हाल ही में एक वीडियो एल्बम के माध्यम से अपने इरादे जता दिए। और बहुत जल्द ही कुछ बड़े बड़े प्रोजेक्ट्स आप लोगों के बीच होंगे। जिनका खुलासा अभी नहीं किया।
जिनका मानना है कि कुछ पहले से बता देने से लोगों की नजर सी लग जाती है। अपनी भावनाओं को साझा करते हुए हृतिक ने दैनिक भास्कर संवाददाता से ये भी बताया कि एक कैमरा लेकर वीडियो कोई भी बना सकता है। और आज उन्ही को देख सुन कर बहुत से लोग बना भी रहे हैं। लेकिन किसी टीवी सीरियल या बॉलीवुड तक जाना वहाँ पे नाम कमाना बड़ी बात होती है। साथ ही अपने आलोचकों से कहा है कि उनकी आलोचना जारी रखें।
क्यों कि आलोचना से उनको कुछ अलग करने की प्रेरणा मिलती है।
जिन्होंने हथगाँव की शान बन चुके वसीक सनम जी व शिव सागर सिंह को कदम कदम पर साथ देने वाले सबसे बड़े हितैषी बताया। और कहा जब जब उनकी हिम्मत छोटी पड़ी तब तब उन्होंने उनकी हौसला अफजाई की। साथ ही उनके सहपाठी सूरज सिंह ने भी दुर्घटना ग्रस्त होने के बाद भी उनका बराबर हौसला बढ़ाया। और कहा कि भाई आप एक दिन जरूर टी वी की दुनिया मे अपना एक अलग ही मुकाम हाँसिल करोगे।
हिम्मत छोटी ना करो।
देख ऋतिक भाई अंधेरे के बाद सबेरा जरूर आता है।
आज थोड़े समय के लिये आपके जीवन मे जरूर अंधेरा आया है। लेकिन ये आपको सिखाएगा की कौन आपका अपना है। और कौन अपनेपन का ढोंगी।
हिम्मत करो और आगे बढ़ो रुको नहीं।
                                                                    
                                                        
                                                                
                                                                
                                                                
                                                                
            
Comments