मोदी सरकार का 'बेच दो 2021- बजट - कमल सिंह चौहान

PPNNEWS
मोदी सरकार का 'बेच दो 2021- बजट - कमल सिंह चौहान
देश नहीं झुकने दूंगा, देश नहीं बिकने दूंगा' का दावा करने वाले भाजपा सरकार एक-एक करके देश के सभी बड़े सरकारी उपक्रमों को बेचने में लगी हैं
रायबरेली - उत्तर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रदेश सचिव कमल सिंह चौहान ने आज पेश हुए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहाकि कॅरोना काल मे देश इतनी बड़ी आपदा झेलने के साथ सरकार से बड़ी उम्मीदें लगा के बैठा था कि कुछ राहत जरूर मिलेगी किन्तु ऐसा होता हुआ दिख नही रहा है सबको बजट का इंतजार था, आम जनता सहूलियत के लिए उम्मीद लगाए बैठी थी. जब देश की अर्थव्यवस्था संभल नहीं रही, जॉब जा रही है, मंदी है तो केंद्र सरकार कोई बढ़िया कदम उठाएगी, लेकिन दुख है कि जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है बजट. आम जनता की रोजमर्रा की जरूरतों में इस्तेमाल होने वाली सारी चीजें महंगी हुई हैं, यह उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला बजट है। बजट का भाषण लंबा जरूर है, लेकिन पूरी तरह से आंकड़ों का मायाजाल और हवाई सपने दिखाने वाला है. श्री चौहान ने कहा कि इस बजट में गांव, गरीब, किसान, युवा ,रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है. निर्मला सीतारमण बजट का गणित समझाने में विफल रही है
ये दिवालिया सरकार का दिवालिया बजट है. बीजेपी अर्थव्यवस्था को लेकर नाकाम है.
वित्तमंत्री ने की घोषणा: 100 नए सैनिक स्कूल बनवाए जाएंगे, जिनमें प्राइवेट सेक्टर की भी ली जाएगी मदद।बड़ा सवाल: निजी क्षेत्र नौजवानों में राष्ट्रवाद की शिक्षा को बढ़ावा देगा या पूंजीवाद को ? वित्त मंत्री बोलीं- कोरोना राहत के लिए खर्च हुए 34.50 लाख करोड़ जबकि पिछले साल 30.42 लाख करोड़ के बजट का ही किया गया था प्रबंध।बड़ा सवाल: लाखों करोड़ के खर्च के बावजूद क्यों नदारद रही सभी सुविधाएं? बीमा कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74% कर दी गई है।मेरी समझ मे नही आ रहा है कि भारत देश के बजट का ऐलान हो रहा है,या फिर बंगाल/केरल/असम/तमिलनाडु राज्यों में होने वाले चुनाव का घोषणा पत्र ?
बजट को लेकर मिडिल क्लास लोगों में मायूसी दिखी. जो उम्मीद थी वो पूरी नहीं हुई. टैक्स में कोई बदलाव नही किया गया है जिससे आम जनता को निराशा ही हाथ लगी है ।
श्री चौहान ने कहा कि 'देश नहीं झुकने दूंगा, देश नहीं बिकने दूंगा' का दावा करने वाले एक-एक करके देश के सभी बड़े सरकारी उपक्रमों को बेचने में लगे हैं. Budget2021 में सबसे बड़ी घोषणा एयरपोर्ट, सड़के, बिजली ट्रांसमिशन लाइन,रेलवे का डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के हिस्से, वेयरहाउस, गेल, इंडियन ऑयल की पाइप लाइन और स्टेडियम को बेचेगी सरकार। सात बंदरगाह भी निजी हाथों में जाएंगे, युवाओं, महिलाओं, किसानों और व्यापारियों के लिए केन्द्रीय बजट 2021-22 घोर निराशावादी है.याद दिला रहा हूँ -
कृषि को 2018-19 में 46,700 Cr आवंटित किए थे। संशोधित अनुमानों में बढ़ाकर 67,800 Cr कर दिया। लेकिन, सिर्फ़ 46,076.19 Cr ख़र्च किए, जो आवंटन और संशोधित अनुमानों दोनों से कम था।
Comments