*जनपद में जिम्मेदारों की शह पर अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम*

*जनपद में जिम्मेदारों की शह पर अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम*
पी पी एन न्यूज
(कमलेन्द्र सिंह)
खागा/ फ़तेहपुर।
तहसील क्षेत्र में इन दिनों अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम व झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है जिससे मरीजों को इलाज कराने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ रही है और यह मरीजों को लूटने का काम कर रहे हैं और इन सब के पीछे कहीं न कहीं जिम्मेदारों का हाथ है जिनके शह पर अवैध रूप से यह नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं ।
जानकारी के मुताबिक बता दे कि फतेहपुर जनपद के खागा कस्बे में के इर्द-गिर्द इस समय कुकुरमुत्ते की तरह उगे अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम व झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है जो इस समय मरीजों को लूटने का काम बखूबी कर रहे हैं और इनको कहीं न कहीं जिम्मेदारों का संरक्षण प्राप्त है जिसके दम पर यह लोग अवैध रूप से नर्सिंग होम संचालित कर रहे हैं बात यहीं पर नहीं रुकती मामला तो तब गंभीर समझ आता है जब पास में ही बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों द्वारा डिलीवरी करवाने के नाम पर ढाई से ₹3000 की मांग की जाती है न देने पर इन्हें पड़ोस में ही उगे नर्सिंग होमो का रास्ता बता दिया जाता है इस सब के पीछे सिस्टम का खेल होता है इसके बाद मरीजों को अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम पर मरीजों को लूट लिया जाता है और मरीजों से मोटी रकम ले ली जाती है जिसका कुछ परसेंट कमीशन जिम्मेदारों को भी थमा दिया जाता है जिससे इनका सारा काम बन जाता है और मारीज लुट जाता है और मेडिकल स्टोर में भी अब लोगों का इलाज किया जाता है जिससे कभी-कभी मरीज की मौत भी हो जाती है पर यह सिस्टम का खेल है कि बावजूद इसके भी अवैध रूप से यह नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं बात यहीं नहीं रुकती हद तो तब हो गई जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के नाम पर ढाई से ₹3000 की मांग कर दी जाती है और पैसे ना देने पर उन्हें अवैध रूप से संचालित हो रहा है नर्सिंग होम का रास्ता दिखा दिया जाता है इस सबके पीछे क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बैठे अधीक्षक का हाथ बताया जा रहा है बता दें कि अवैध रूप से संचालित हो रहे नर्सिंग होम आशा बहुओं के लिए दुधारू गाय से कम नहीं है क्षेत्र में अगर किसी महिला को डिलीवरी होनी होती है तो यह आशा बहूऐ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने के बाद सेटिंग के आगे किसी को खून की कमी बता कर तो किसी को कोई और नई समस्या बताकर प्राइवेट तरीके से संचालित हो रहे नर्सिंग होमो मे छोड़ दिया जाता है जिसके बाद संचालित हो रहे नर्सिंग होमो पर मरीजों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है और उसका कुछ हिस्सा कुछ जिम्मेदारों व आशा बहुओं को भी बांट दिया जाता है कई बार इसकी खबरें अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित भी की गई लेकिन इसके बाद इन संचालित नर्सिंग होमो को नोटिस जारी कर दी जाती है और उसके बाद 5 से 10000 की मोटी रकम लेकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और हमेशा की तरह गरीबों को लूट लिया जाता है ।
वही जब इस बारे में हमने संबंधित अधिकारी से संपर्क करना चाहा तो संबंधित अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका ।
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