कबाड़ी मार्केट से जुड़े है बाईक चोरियों के तार

कबाड़ी मार्केट से जुड़े है बाईक चोरियों के तार
शहर के लखनऊ बाईपास व नौवाबाग मे हैं कबाड़ के बड़े गोदाम
पी पी एन न्यूज
(कमलेन्द्र सिंह)
फतेहपुर।
जिले में बाईक चोरी की वारदात दिन-ब-दिन बड़ती जा रही है, ऐसे में पुलिस के लिए आए दिन होती बाईक चोरियों को रोक पाना किसी चुनौती से कम नहीं है...पूरे जिले में आए दिन शातिर बाईक चोर किसी ना किसी गाड़ी को अपना निशाना बना लेते है...और बाईक चोरी की इन वारदातों के बाद शायद ही किसी को उनकी खोई हुई बाईक दोबारा मिल पाई हो, और जिनको मिली है उनकी संख्या ना के बराबर रही है...ऐसे सवाल उठता है कि आखिर चोरी होने के बाद बाईके जाती कहां है...और पूरे जिले में फैले पुलिस के खुफिया संचार तंत्र से आखिर बच कैसे जाती है...क्यों चोरी हुई बाईकों की रिकवरी रेट ना के बराबर रहती है...आपको बतादें कि चोरी की बाईकों को ठिकाने लगाने का पूरा नेक्सेस इन दिनों जिले में चल रहा है...और ये कोई आज का नेक्सेन नहीं है...बल्कि कई सालों से बदस्तूर सिस्टम को साधकर चलाया जा रहा है...शहर के नऊवाबाग और लखनऊ बाईपास के साथ ही कबाड़ी की दुकानों में चोरी की बाईकों को चंद्र मिनटों में खोलकर उनके पार्ट्स को ठिकाने लगा दिया जाता है...और ऐसे नहीं है कि इस सबकी जानकारी पुलिस को नहीं होती, बाकायदा पुलिस को इन काबाड़ियों द्वारा चढ़ावा भी दिया जाता है।
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