विश्वविख्यात गंगा आरती सहित काशी के घाटों पर हर आरती के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 19 February, 2021 19:05
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                                                            प्रकाश प्रभाव न्यूज़
विश्वविख्यात गंगा आरती सहित काशी के घाटों पर हर आरती के लिए रजिस्ट्रेशन अब कराना होगा रजिस्ट्रेशन
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा घाटों पर होने वाली गंगा आरती का अब रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा. जिला प्रशासन ने इसका फरमान जारी कर दिया है. नए फरमान के अंतर्गत घाटों पर गंगा आरती करने के लिए बाकायदा शासन से परमीशन लेनी होगी
दरअसल जिला प्रशासन को ये फरमान उस वक्त जारी करना पड़ा, जब वाराणसी के अस्सी घाट पर 2 संस्था घाट पर आरती के लिए आमने-सामने आ गए. मामले में विरोध के बाद शासन ने ये निर्देश जारी किया है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस संस्था द्वारा सांध्य आरती का घाट पर पंडा समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है. मामले ने तूल इसलिए पकड़ा क्योंकि सुबह-ए-बनारस संस्था द्वारा सुबह की आरती की जा रही थी. इसी के साथ सांध्य आरती भी शुरू कर दी गई, जबकि पहले से अस्सी घाट पर सांध्य आरती की जा रही है. ऐसे में सुबह-ए-बनारस के मंच द्वारा सांध्य आरती भी शुरू कर दी गई, जिसका विरोध घाट के पंडा समाज ने शुरू कर दिया.
विरोध के लगातार बढ़ने के चलते जिलाधिकारी कौशल किशोर शर्मा ने गंगा आरती के लिए नए नियम लागू करते हुए नगर निगम को निर्देश दिए है. जिलाधिकारी ने बताया कि सभी घाटों का स्वामित्व नगर निगम के पास है. अभी जितनी भी आरती घाट पर हो रही हैं, अब सबका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा. घाट पर स्थान भी नगर निगम ही आवंटित करेगा. इसके साथ ही आरती के रजिस्ट्रेशन का हर साल नवीनीकरण होगा।
जिला प्रशासन का मानन है कि इस निर्देश के अंतर्गत अब आरती के नाम से घाटों पर अतिक्रमण व आरती के नाम से जहां मनमानी रुकेगी, वहीं एक ही घाट पर एक से अधिक आरती नहीं हो पाएगी.
 
                                                         
                                                                 
                                                                 
                                                                 
                                                                 
            
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