गंगा में अगले माह सीएनजी से चलेंगी नावें
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- Updated: 15 December, 2020 09:05
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prakash prabhaw news
वाराणसी
ब्यूरो रिपोर्ट ,
गंगा में अगले माह सीएनजी से चलेंगी नावें
वाराणसी । उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी में अगले माह से एक नई व्यवस्था की शुरुआत होने जा रही है। अब अगले महीने से सीएनजी से नाव-बजड़े चलने की तैयारी हो रही है। इसके लिए खिड़किया घाट पर सीएनजी स्टेशन बनाया रहा है जो लगभग एक माह में बन कर तैयार हो जाएगा। फिलहाल यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत अस्थायी रूप से की जा रही है। इसके बाद नजदीक ही कहीं दो हजार वर्ग मीटर जमीन पर स्थायी डाटर सीएनजी स्टेशन तैयार किया जाएगा।
धर्म-अध्यात्म एवं पर्यटन की नगरी काशी में गंगा में करीब एक हजार लाइसेंसी नावें चलती हैं। अधिकतर नावें डीजल इंजन पर आधारित हैं। इससे गंगा में प्रदूषण होता है। साथ ही नाविकों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से नाविकों को गंगा तट पर ही सीएनजी मुहैया कराने के लिए डाटर स्टेशन स्थापित किया जा रहा है जो जनवरी में ही शुरू हो जाएगा।
गेल इंडिया के उप महाप्रबंधक गौरी शंकर मिश्र बताते हैं कि इस स्टेशन पर 45 हजार लीटर कैसकेड यानी स्टोर करने की क्षमता होगा। यहां पर रिग रोड पर स्थापित मदर स्टेशन से एलसीवी (लाइट कमर्शियल व्हीकल) के माध्यम से गैस मंगाई जाएगी। इसके बाद यहां पर गैस स्टोर की जाएगी।
खिड़किया घाट पर जेटी पर डिस्पेंसर लगाया जा रहा है जिससे नावों में गैस भरी जाएगी। शहर में गेल इंडिया की ओर से 10 सीएनजी स्टेशन शुरू किए गए हैं। यहां पर पांच हजार से अधिक आटो सीएनजी से चल रहे हैं। साथ ही करीब चार हजार लोगों के किचन तक पीएनजी पहुंच रही है।
मार्च तक एक और सीएनजी स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा। शहर के उत्तरी छोर पर स्थित खिड़किया घाट को स्मार्ट सिटी के तहत विकसित किया जा रहा है। इसके जीटी रोड से सटे होने के कारण आवागमन आसान है और लोग वाहन से घाट के पास तक पहुंच सकते हैं।
इस लिहाज से घाट पर 36 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यहीं सीएनजी पंप स्टेशन बनाया जा रहा ताकि लोग नाव-बजड़े पर बैठें और घाटों की सुंदरता निखर आएं।
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