जीबी नगर में गंभीर अपराधों में कमी, लेकिन आर्थिक और साइबर क्राइम बढ़े
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- Updated: 30 December, 2020 23:19
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Prakash Prabhaw
जीबी नगर में गंभीर अपराधों में कमी, लेकिन आर्थिक और साइबर क्राइम बढ़े
- अपराधों की वार्षिक लेखा-जोखा लेकर मीडिया से रूबरू हुए सीपी आलोक सिंह
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर (सीपी) आलोक सिंह ने यहां कमिश्नरेट बनने के बाद गंभीर अपराधों में कमी का दावा किया। हालांकि उन्होंने आर्थिक और साइबर अपराधों में वृद्धि की बात स्वीकार की। इसके लिए उन्होंने जिले में तेजी से बढ़ती आर्थिक गतिविधियों को मुख्य कारण बताया।
पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह अपराधों का वार्षिक लेेखा-जोखा लेकर बुधवार को मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने बताया पुलिस आयुक्त प्रणाली की स्थापना के बाद जिले के विभिन्न हिस्सों का गहन अध्ययन किया गया। उसके बाद सामाजिक, आर्थिक विविधता और गतिशीलता के मद्देनजर प्रभावी पुलिसिंग के लिए जिले को तीन हिस्सों नोएडा, मध्य नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बांटा गया। उन्होंने बताया कि दूसरे सुधार के तहत साइबर क्राइम, टै्रफिक, महिला सुरक्षा और गंभीर अपराधों के लिए विशेष व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि जिले में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद विभाग के राजपत्रित अधिकारियों के पदों में 23 और सभी अराजपत्रित अधिकारियों की उपलब्धता में 1163 की वृद्धि हुई है। डॉयल-112 के वाहनों में वर्ष-2019 के मुकाबले इस वर्ष 40 वाहनों का इजाफा हुआ है। उन्होंने किसी वारदात में पुलिस के रिस्पांस टाइम के भी कम होने का दावा किया। पुलिस आयुक्त ने ट्रैफिक पुलिस बल और उनके लिए वाहनों की संंख्या में भी इजाफा होने की बात कही।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि वर्ष-2019 में कुल 82 मुठभेड़ हुए थे। जबकि वर्ष-2020 में 135 मुठभेड़ हुई। इसी तरह बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मुठभेड़ में 150 के मुकाबले 244 बदमाशों की गिरफ्तारी हुई। उन्होंने इनामी बदमाशों की संख्या में भी इजाफा होने का दावा किया और कहा कि बीते वर्ष 31 के मुकाबले इस वर्ष 46 अपराधियों की गिरफ्तारी की गई। इसी तरह बीते वर्ष कुल 81 बदमाश पुलिस मुठभेड़ में जख्मी हुए थे। जबकि इस वर्ष यह संख्या 184 हो गई।
आलोक सिंह ने दावा किया कि वर्ष-2019 में 03 डकैती हुई थी, जबकि इस वर्ष डकैती की सिर्फ एक ही घटना हुई है। इसमें 67 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह लूट की वारदार बीते वर्ष 161 और इस वर्ष सिर्फ 64 हुई है। इसमें 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। चेन स्नैचिंग बीते वर्ष-571 थी, इस वर्ष 398 रही। इसमें भी 30 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने बताया कि इस जिले में वाहन चोरी सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन इस पर भी प्रभावी अंकुश लगाने मेें कामयाबी मिली है। बीते वर्ष वाहन चोरी की 2215 घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस वर्ष यह सिर्फ 1160 ही रही। इसमें भी 48 प्रतिशत की भारी कमी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि सामान्य चोरी की वारदात भी 1456 के मुकाबले इस वर्ष सिर्फ 693 ही रही। इसमें 53 फीसदी कमी आई है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि बीते वर्ष जिले में हत्या की 88 वारदातें हुई थीं। जबकि इस वर्ष हत्या की 72 घटनाएं हुई हैं। इसमें लगभग 18 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा हत्या के प्रयास के मामले बीते वर्ष 142 के मुकाबले इस वर्ष 94 हुई हैं। इसमें 34 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि फिरौती के लिए अपहरण और दूसरे अपहरण की वारदात में कोई खास कमी नहीं हुई है, लेकिन दुष्कर्म के मामलों में 61 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। बीते वर्ष जहां दुष्कर्म के 89 मामले दर्ज हुए थे, इस वर्ष यह संख्या सिर्फ 35 रही। इसमें 61 फीसदी की उत्साहजनक कमी दर्ज की गई।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि जिले में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद संगठित अपराध में लिप्त माफिया, भूमाफिया और अन्य अपराधियों पर जबरदस्त प्रहार किया गया है। बीते एक वर्ष में गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते हुए 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई।
आलोक सिंह ने अपराधों के वार्षिक लेखा-जोखा के बीच कोरोना काल में पुलिस के काम को बताना नहीं भूले। उन्होंने बताया कि पुलिस की विश्वसनीयता का ही परिणाम रहा कि 40 से अधिक एनजीओ के लोग पुलिस के साथ जुड़े। पुलिस ने भी दवाएं और राशन पहुंचाने का काम किया। आपात हेल्पलाइन 112 पर 1500 कॉल मिली, जिन्हें तत्काल मदद पहुंचाई गई। उन्होंने बताया कि सीपी कार्यालय में स्थापित गोदामों से तीन लाख से अधिक लोगों को राशन, पका हुआ भोजन, मास्क, सेनिटाइजर और सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराया गया।
उन्होंने बताया कि जिले में कानून और शांति व्यवस्था कायम रखने और अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के मकसद से नई कार्ययोजनाओं में 11 थाने और 02 पुलिस चौकियों की स्थापना का काम चल रहा है। इनमें 05 थाने जेवर एयरपोर्ट और फिल्म सिटी में स्थापित किए जाने हैं।
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