सात दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन
 
                                                            प्रतापगढ
19.04.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
सात दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन
प्रतापगढ़।प्रतापगढ जनपद के सांगीपुर के थरिया गाँव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का मंगलवार को समापन हुआ। भागवत कथा में गीता व श्रीमद् भागवत कथा की व्याख्या, कथा वाचक आचार्य विद्याभूषण मिश्र के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें व अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरि लीला श्रीरास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायक ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। कथा वाचक ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरुप आचरण करने को कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है। वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है। इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरुष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। प्रवचन के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान थरिया, घुश्मेश्वरनाथ धाम और देउम गाँव के लोग सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
 
                                                                    
 
                                                         
                                                                 
                                                                 
                                                                 
                                                                 
            
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