पराली एवं अन्य अपशिष्ट जलाने वालो पर होगी दण्डात्मक कार्यवाही: डीएम-एसपी
- Posted By: Abhishek Bajpai
- उत्तर प्रदेश
- Updated: 7 November, 2020 20:15
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PRAKASH PRABHAW NEWS
रिपोर्ट-अभिषेक बाजपेयी
पराली एवं अन्य अपशिष्ट जलाने वालो पर होगी दण्डात्मक कार्यवाही: डीएम-एसपी
रायबरेली-प्रदेश सरकार व जनपद प्रशासन पराली न जलाये जाने की सम्बन्ध में घटनाओं को रोकने हेतु व किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से दृढसंकल्पित है। किसान पराली/गन्ने की पतई अपशिष्ट को न जलाये एवं कृषि अपशिष्टों को समुचित प्रबन्धन कर कम्पोस्ट खाद तैयार करें साथ ही पराली को अपने नजदीकी निराश्रित गौशालाओं में उपलब्ध कराये। पराली जलाये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार व एनजीटी पूरी तरह से गम्भीर होने के साथ ही निरन्तर जागरूकता के कार्यक्रम के माध्यम से पराली व कृषि अपशिष्ट जैसे धान पैरा, गन्ने की सूखी पत्ती या फसलों के डंठल इत्यादि भी न जलायें जाने की अपील भी कर रही है।
माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश में कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने के निर्देश है। 2 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों के लिए रू0 2500 प्रति घटना, 2 एकड़ से 5 एकड़ भूमि रखने वाले लघु कृषकों के लिए रू0 5000 प्रति घटना, 5 एकड़ से अधिक भूमि रखने वाले बडे कृषको के लिए रू0 15000 प्रति घटना है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने के सम्बन्ध में शासन स्तर व एनजीटी, पुलिस महानिदेशक उचित दिशा-निर्देश दिये गये है जिसका कड़ी से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित किया करें। आबादी क्षेत्रों में पर्याप्त जागरूकता करे जाने-अनजाने लोग कुड़े कचरे को जलाकर सफाई करने का प्रयास करते है, जनमानस को जागरूक कर कूड़ा जलाये जाने की घटनाओं पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाए।
जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने सीडीओ, एडीएम, एएसपी, समस्त एसडीएम, बीडीओ, नगर पालिका/नगर पंचायत अधिशाषी अधिकारी, समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष आदि को निर्देश दिये है कि पर्यावरण प्रदूषण एक गम्भीर समस्या है। पराली जलाये जाने व कृषि अपशिष्ट जलाये जाने व आबादी क्षेत्र में कचरे आदि के ढेर जिसमें प्लास्टिक के अपशिष्ट पदार्थो की मात्रा अत्यधिक होती है के जलाये जाने से अनेक गम्भीर मामले प्रकाश में आ रहे है। धुएं से वायु मण्डलीय पर्यावरण गम्भीर रूप से प्रभावित होता है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव मानव एवं जीवों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। कोविड-19 के दृष्टिगत पर्यावरण अत्यधिक प्रदूषित होने पर बीमारी के अधिक फैलने की आशंका उत्पन्न होती है।
जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिये है कि फसल अवशेष के स्थान कूड़ा जलाने व खेतों की मेड़ों पर सरपट इत्यादि जलाने की घटनाएओं को भी रोका जाए। यदि किसी कम्बाइन हार्वेस्टर द्वारा बिना सुपर एस0एम0एस0 अथवा फसल अवशेष प्रबन्धक के अन्य क्षेत्रों के प्रयोग में लाये गये कटाई का कार्य किया जाता है तो उक्त कम्बाइन हार्वेस्टर को तत्काल सीज किया जाए तथा कम्बाइन हार्वेस्टर के विरूद्ध प्रदूषण फैलाने में सहायक होने के कारण विधिक कार्यवाही की जाए। किसी प्रकार के कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर दोषी के विरूद्ध पैनाल्टी लगाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज की जाए।
डीएम ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत पारित उक्त आदेशों का अनुपालन अत्यन्त आवश्यक है अन्यथा इसी अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत आरोपित क्षतिपूर्ति की वसूली और धारा-26 के अन्तर्गत उल्लघंन की पुनरावित्त होने पर करावास एवं अर्थदण्ड आरोपित किया जाना प्राविधनित है एवं एक्ट संख्या 14/1981 की धारा 19 के अन्तर्गत अभियोजन की कार्यवाही कर नियमानुसार कारावास या अर्थदण्ड या दोनों से दण्डित कराया जायेगा। उक्त आदेश के अनुपालन में लेखपाल द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली की धनराशि सम्बन्धित से भू-राजस्व के बकाया की भांति की जायेगी। जिलाधिकारी ने मीडिया से भी अपील की है कि वह पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता में सहयोग करें। ग्राम सभा की बैठक में पराली प्रबन्धन एवं पराली एवं कृषि अपशिष्ट जैसे गन्ने की पत्ती/गन्ना, जलाने पर लगने वाले अर्थदण्ड एवं विधिक कार्यवाही के बारे में बताया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति कृषि अपशिष्ट को नही जलायेगा तथा कृषि अपशिष्ट जलाने पर तत्काल सम्बन्धित थाने पर सूचना दी जायेगी एवं आर्थिक दण्ड विधिक कार्यवाही करायी जायेगी।
पराली जलाने पर पूरी तरह से शासन द्वारा पाबंदी लगाई गई है। शासन के निर्देशानुसार जनपद में पराली जाने पर कड़ी से अनुपालन भी कराया जा रहा है। प्रभावी नियंत्रण हेतु जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी वि0रा0 एवं तहसील स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में संचल दल का गठन किया गया है। पराली जाने को लेकर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के साथ ही पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार भी सख्त है डीएम-एसपी ने सख्त निर्देश दिये है कि पराली जाने की शिकायत सम्बन्धित अधिकारी के साथ ही जिन क्षेत्रों में पराली व पतई जलती पाये जाने पर तो थानेदार भी जिम्मेदार होंगे। किसानों के खेतों में जले अवशेष और आग को देखकर तत्काल मौके पर पहुचकर जानकारी दें व नियामानुसार कार्यवाही भी करें।
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