गोरखपुर में रेलवे कर्मचारियों की बैठक में बोनस राशि पर आक्रोष, रेल मंत्रालय पर शोषण का आरोप

गोरखपुर में रेलवे कर्मचारियों की बैठक में बोनस राशि पर आक्रोष, रेल मंत्रालय पर शोषण का आरोप

अनिल कुमार - गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में आयोजित रेलवे कर्मचारियों की एक बैठक में उत्पादकता आधारित बोनस की राशि को मात्र 18,000 रुपये निर्धारित करने पर तीखा आक्रोष व्यक्त किया गया।अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि जब सातवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रतिमाह तय किया है, तो रेल मंत्रालय द्वारा उत्पादकता आधारित बोनस के लिए न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये क्यों रखा गया है। उन्होंने इसे मजदूरों के श्रम का शोषण करार देते हुए सरकार की नीति पर सवाल उठाए।उन्होंने बताया कि कोयला खदान मजदूरों और कर्मचारियों ने 1,25,000 रुपये बोनस की मांग की थी, जिसके जवाब में कोयला मंत्रालय ने 1,03,000 रुपये की राशि उत्पादकता आधारित बोनस के रूप में देने का फैसला किया। इसके विपरीत, रेल कर्मचारियों को बोनस के नाम पर केवल 18,000 रुपये देकर सरकार द्वारा अपनी पीठ थपथपाना रेल कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक है।

सिंह ने कहा कि जब जीवन उपयोगी वस्तुओं के दाम, थोक व खुदरा मूल्य सूचकांक, कृषि मूल्य सूचकांक और सांसदों-विधायकों के वेतन में वृद्धि हो रही है, तो रेल कर्मचारियों के बोनस की राशि में बढ़ोतरी क्यों नहीं की जा रही? उन्होंने सरकार से हठी रवैया छोड़कर सकारात्मक कदम उठाने की मांग की ताकि बढ़ते श्रमिक असंतोष को रोका जा सके।बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राजीव रंजन और द्विगविजय नाथ पांडेय वर्चुअली शामिल हुए, जबकि आर.पी. भट्ट, देवेंद्र यादव, सतीश चंद अवस्थी, मनोज कुमार द्विवेदी, डी.के. तिवारी, रामकृपाल शर्मा, विश्व प्रकाश मिश्रा, अनवर अली, सत्येंद्र सिंह, राजीव सिंह, उमेश सिंह, डी.एस. चौधरी, पंकज यादव, मनोज कुमार मिश्र, बिक्रम, निशांत यादव, आर.डी. सिंह, संजय सिंह, विनय यादव, जे.पी. सिंह, विवेक सिंह, अंगद यादव, हरिओम यादव सहित तमाम रेल कर्मचारी उपस्थित रहे।

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