आर्थिक तंगी के कारण लोग अपने परिजनों के शवों को गंगा के किनारे रेत में दफन करने को मजबूर : सभाजीत सिंह

आर्थिक तंगी के कारण लोग अपने परिजनों के शवों को गंगा के किनारे रेत में दफन करने को मजबूर : सभाजीत सिंह

PPN NEWS

लखनऊ

रिपोर्ट, ज़ाहिद अख्तर 

आर्थिक तंगी के कारण लोग अपने परिजनों के शवों को गंगा के किनारे रेत में दफन करने को मजबूर 

लखनऊ। लॉकडाउन में लोगों का काम-धंधा छूट गया है। लोग बेरोजगार होकर घर पर कैद हैं। लोगों के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में सरकार को अविलंब लोगों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष सभाजीत सिंह ने गुरुवार को ये बातें कहीं। वहीं, प्रदेश के मुख्‍य प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्‍वरी ने लॉकडाउन में स्‍कूलों की ओर से हो रही मनमानी फीस वसूली का मामला उठाते हुए उन्‍हें तय फीस की आधी रकम लेने के लिए अधिकृत करने की मांग की गई।

प्रदेश अध्‍यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि कोरोना की काली छाया के कारण पूरा प्रदेश कराह रहा है। लोगों की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके पास अपनों का शव दाह करने की व्‍यवस्‍था भी नहीं हो पा रही। नदियों के किनारे बड़ी संख्‍या में दफनाए गए शव इसका प्रमाण हैं। आर्थिक तंगी के कारण लोग  अपने परिजनों के शवों को गंगा के किनारे बालू के रेत में दफन करने को मजबूर हैं । लॉकडाउन की वजह से पटरी दुकानदार, छोटे व्यापारी, मजदूर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इन पर परिवार पालने का संकट है। 

प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेशरी ने कहा कि मध्यमवर्ग महंगाई, निजी अस्पतालों की लूट, बिजली बिल, स्कूल फीस एवं व्यापार मंदी जैसी की समस्याओं से जूझ रहा है। इसलिए योगी जी अविलंब इन सब के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करें।

उधर, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की ओर से इस सेशन में स्‍कूलों में फीस वृद्धि न करने के आदेश को आप के मुख्‍य प्रवक्‍ता वैभव माहेश्‍वरी ने आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट करके उनसे कहा- कृपया दिनेश शर्मा जी विस्तृत आदेश जारी करें, जिसमे कंपोजिट फीस के नाम पर जो पूरी राशि वसूल ली जाती है, उसे रोका जाए। पिछले साल की ब्रेकअप सहित फीस स्ट्रक्चर को आधार बना कर स्कूलों को सभी अतिरिक्त खर्चे वसूलने से रोका जाए। जिन अभिभावकों ने मजबूरी में ये दे दिया है, उनको पैसा वापस दिलाया जाए। 

स्‍कूलों की फीस को लेकर किए दूसरे ट्वीट में उन्‍होंने कहा बिजली, AC, स्विमिंग पूल, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, स्पोर्ट्स, डेवलपमेन्ट जैसे तमाम मदों में पैसा वसूला जाता है जो लगभग ट्यूशन फीस जितना ही होता है । बेस्ट समाधान ये है कि 2020 के कोरोना काल को मिला कर स्कूल तय फीस की आधी ही वसूलने को अधिकृत हों, पहले से वसूला पैसा वापस किया जाए । पार्टी ने कहा कि इसकी उम्मीद कम है कि योगी सरकार इस मामले कोई सख्त आदेश जारी कर पायेगी, लेकिन स्कूलों की मनमानी से परेशान जनता अगर आम आदमी पार्टी को मौका देती है, तो तत्काल प्रभाव से इसको अमल में लाया जाएगा । 

आप प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने मोदी सरकार द्वारा सब्सिडी बढ़ाये जाने के फैसले को ड्रामा और छलावा बताते हुए कहा, की एक तरफ से खाद के दाम बढ़ाना, दूसरी तरफ सब्सिडी बढ़ाने का ड्रामा करना.. इस छलावे से सिर्फ खाद बनाने वाली कम्पनियों को ही सब्सिडी का लाभ जाएगा, किसान तो वैसे ही मांगी खाद पुराने दाम पर ही पाएंगे ।

आप प्रवक्ता ने किसानों को पूरी तरह मुफ्त खाद मुहैया कराने की मांग उठाई । कहा कि प्रदेश में किसान पहले ही बेहद परेशान हैं, सरकार अपने किसानों को खाद पूरी तरह मुफ्त क्यों नहीं दे सकती सरकार.. इससे उनकी खेती की लागत कम हो जाएगी और उन्हें मुनाफा होने से कृषि से जुड़े वर्ग को बरकत मिलेगी । अगर यह असंभव लग रहा हो तो इंतज़ार करिये, आम आदमी पार्टी की सरकार का, वो अपने किसानों के लिए ऐसा संभव कह के दिखा देगी ।

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