अगर 12वीं की परीक्षा हुई उन बच्चों के मौत का जिम्मेदार होगा कौन??

अगर 12वीं की परीक्षा हुई उन बच्चों के मौत का जिम्मेदार होगा कौन??

प्रकाश प्रभाव

24 मई 2021

अगर 12वीं की परीक्षा हुई उन बच्चों के मौत का जिम्मेदार होगा कौन??


लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह हैं सीबीएसई 12वीं की परीक्षा कराए जाने को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मोदी सरकार आखिरकार चाहती क्या है ? क्या अभी इतनी मौतों पर उसका मन नहीं भरा है। देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। ब्लैक फंगस  की एक महामारी और आ गई है।

श्री सिंह ने कहा है कि ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक व्हाइट फंगस  और इससे भी खतरनाक येलो फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे अंदेशा अलग से। वह बच्चों की जान को खतरा।

इन सबके बावजूद केंद्र सरकार सीबीएसई बोर्ड 12वीं की परीक्षाएं कराने का फैसला लेने जा रही है। श्री सिंह ने कहा है कि15 जुलाई से 25 अगस्त के बीच परीक्षा कराने की सूचनाएं आ रही हैं। यह सब तब करने का दम भरा जा रहा है जब देशभर के छात्र और अभिभावक परीक्षा होने का विरोध कर रहे हैं।

जब परीक्षा देने वाले विद्यार्थी और दिलाने वाले अभिभावक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो सुझाव किससे मांगे जा रहे हैं ? केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को पता नहीं है कि जो बच्चे कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौतों का तांडव देख रहे हैं उनकी मनोस्थिति क्या होगी ?  क्या इन बच्चों में ऐसे कितने बच्चे नहीं होंगे जिनके अपने कोरोना की चपेट में आकर दम तोड़ गये होंगे।

या फिर दम तोडऩे की स्थिति में होंगे। क्या इन सब में से कितने बच्चे ऐसे नहीं होंगे जिनके अपने ब्लैक, व्हाइट या फिर येलो फंगस के शिकार हो गये होंगे। ऐसी परिस्थिति में केंद्र सरकार 12वीं के बच्चों को खतरे में डालकर आखिर क्या दिखाना चाहती है ?

परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों को एक दूसरे मिलने और बात करने से रोका जा सकेगा ? क्या जब बच्चे परीक्षा देकर बाहर निकलेंगे तो एक दूसरे से बात नहीं करेंगे ? क्या इस माहौल में परीक्षा में शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक सुरक्षित रह पाएंगे ?यदि परीक्षा देने वाले बच्चों की मौत होती है तो ये सब केंद्र सरकार द्वारा की जाने वाली हत्याएं कहलाएंगी।मोदी सरकार का।

किसान नये कानूनों का विरोध कर रहे हैं तो उन पर जबर्दस्ती लादे जा रहे हैं।  12वीं के विद्यार्थी और उनके अभिभावक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं बच्चों के भविष्य को आधार बनाकर उन पर परीक्षा लादी जा रही है।

वही लोकदल परीक्षा को निरस्त कराने की मांग कर रहा है। लोकदल ने कहा है कि यदि परीक्षा नहीं टाली जाती है तो लोकदल सड़कों पर उतर कर विद्यार्थियों और अभिभावकों के जीवन को बचाने के लिए प्रदर्शन करने को विवश हो जाएगा।

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