दो गुटों में विभाजित कांग्रेसियों के बीच जमकर हुई धक्का-मुक्की

दो गुटों में विभाजित कांग्रेसियों के बीच जमकर हुई धक्का-मुक्की

पी पी एन न्यूज

दो गुटों में विभाजित कांग्रेसियों के बीच जमकर हुई धक्का-मुक्की


जिला-उपाध्यक्ष की सूझबूझ से मामला हुआ शांत, हो सकता था भयंकर खून खराबा

(कमलेन्द्र सिंह)

बिंदकी/फतेहपुर

वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यशैली का विरोध करते हुए विधानसभा स्तरीय भारतीय जनता पार्टी गद्दी छोड़ो पैदल मार्च के दौरान जुलूस में आगे बैनर लगाने को लेकर कांग्रेस के दो नेता तथा उनके समर्थक आपस में भिड़ गए तथा जमकर धक्का-मुक्की के साथ दोनों पक्ष से असलहे निकलने के उपरांत तनातनी का माहौल व्याप्त हो गया। मौके पर कांग्रेस जिला-अध्यक्ष ने काफी मान मनौव्वल किया किंतु वे नहीं माने। इसी बीच जिला-उपाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को इस कदर समझाया तब जाकर मामला शांत हुआ। 

नगर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा शुरू हुए 8 से लेकर 9 अगस्त सन 1942 को राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद्र गांधी जी के नेतृत्व में  भारत छोड़ो आंदोलन की 79वीं जयंती के मौके पर भाजपा सरकार के कुशासन के विरोध में विधानसभा स्तरीय भाजपा कुर्सी छोड़ो, पैदल मार्च का आयोजन सोमवार को  किया गया। सुबह 10 बजे से ही नगर के ललौली चौराहे के पास स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय कार्यकर्ताओं से खचाखच भर गया। यह यात्रा सुबह 11 बजे से प्रारंभ होना था किंतु जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय के और अन्य कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से 2 घंटे विलम्ब लगभग एक बजे कांग्रेस कार्यालय पहुंचे, जिसमें कांग्रेसी नेता अभिमन्यु सिंह तथा राजेश तिवारी एवं दोनों नेताओं के समर्थक भी भारी संख्या में उपस्थित हुए।

यह पदयात्रा जैसे ही गांधी चौराहे की ओर बढ़ रहा था उसी समय सरकारी अस्पताल के समीप कांग्रेस नेता अभिमन्यु सिंह के समर्थकों ने अभिमन्यु सिंह के नाम का बैनर सबसे आगे लगा दिया। ऐसा देखकर कांग्रेस नेता राजेश तिवारी को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने इसका विरोध करते हुए बैनर हटा दिया। फिर क्या था, इसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया।

विवाद ने इतना तूल पकड़ लिया कि नेता राजेश तिवारी तथा प्रदेश सचिव अभिमन्यु सिंह के बीच कहासुनी तक हो गई। इतना ही नहीं दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच जिला-अध्यक्ष की मौजूदगी में जमकर तू-तू मैं-मैं होती रही जब पदयात्रा तहसील के सामने पहुंची उस समय एक बार फिर अभिमन्यु सिंह के समर्थकों तथा उनके निजी सुरक्षा गार्डों ने जोकि असलहे लिए हुए थे, बैनर लगाने की कोशिश की जिसको लेकर पुनः दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और असलहे दोनों पक्षों से लहराने लगे। हालांकि इस बीच जिलाध्यक्ष ने दोनों को बहुत समझाया किंतु कोई किसी से कम नहीं था और अपनी हठ पर तने  रहे। थोड़ी देर बाद जब रहा नहीं गया तब पदयात्रा में शामिल पूर्व विधायक स्वर्गीय रमाकांत द्विवेदी के सपुत्र तथा जिला-उपाध्यक्ष विनोद द्विवेदी ने मामले को अपने आड़े लेते हुए दोनों पक्षों को इतने प्यार से समझाया कि दोनों लोग उनकी बात को मानने को तैयार हो गए और मामला शांत हो गया अन्यथा ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बस गोलियां चलने ही वाली हैं और सैकड़ों की जान जाने वाली है।

मामला शांत होने के बाद पदयात्रा नगर के गांधी चौराहे पहुंची जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और राष्ट्रपिता के अमर रहे के जमकर नारे लगाए गए। अंत में श्री पांडेय ने अपने भाषण में कहा कि प्रदेश में भाजपा की कुशासन सरकार के विरुद्ध कांग्रेस द्वारा यह पदयात्रा जनपद के सभी छै विधानसभाओ में निकाली जानी तय थी जिसमें जिस तरह महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को भारत छोड़ों आंदोलन किया था उसी तर्ज पर प्रदेश की भाजपा सरकार गद्दी छोड़ो आंदोलन पदयात्रा का नाम दिया गया है जिसमें तीन विधान सभाओं में 9 अगस्त को कार्यक्रम सफल रहा शेष तीन विधान सभा में 10 अगस्त दिन मंगलवार को पदयात्रा निकाली जाएगी। इस अवसर पर विवेक मिश्रा, मुनेंद्र तिवारी, बाबर खान, सोएब कुरेशी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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