UP सरकार की पहल: खगोल विज्ञान में उड़ान भरेंगी केजीबीवी की बेटियां, हर विद्यालय में बनेगी एस्ट्रोनॉमी लैब

UP सरकार की पहल: खगोल विज्ञान में उड़ान भरेंगी केजीबीवी की बेटियां, हर विद्यालय में बनेगी एस्ट्रोनॉमी लैब

PPN NEWS

- प्रति विद्यालय ₹4 लाख की लागत निर्धारित, कुल ₹29.84 करोड़ की परियोजना को मंजूरी


लखनऊ, 16 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए लगातार नवाचार कर रही है। इसी क्रम में राज्य के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में एस्ट्रोनॉमी लैब की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रति विद्यालय ₹4 लाख की लागत निर्धारित की गई है और कुल ₹29.84 करोड़ की परियोजना को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है।


यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नारी शक्ति' और 'विकसित भारत' के विजन से प्रेरित है, जिसे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार गति दे रही है। एस्ट्रोनॉमी लैब्स के माध्यम से छात्राओं को अंतरिक्ष विज्ञान और खगोलविज्ञान की वास्तविक जानकारी दी जाएगी, जिससे वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समृद्ध होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकेंगी।


चंद्रयान-3 की प्रेरणा और भविष्य की वैज्ञानिक तैयारियाँ

भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और उसमें 54 महिला वैज्ञानिकों की सक्रिय भागीदारी ने इस पहल को नई ऊर्जा दी है। प्रदेश सरकार चाहती है कि यूपी की बेटियां भी आने वाले समय में इसरो, डीआरडीओ और नासा जैसे संस्थानों में अपनी भूमिका निभाएं। लैब्स में प्लेनेटेरियम की तर्ज़ पर छात्राएं सौरमंडल, ग्रह-उपग्रह, खगोलीय घटनाएं जैसे सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण का अध्ययन करेंगी। स्पेसक्राफ्ट, मिसाइलें, स्पेस ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, इसरो परियोजनाएं और भारतीय वैज्ञानिकों के मॉडल इन प्रयोगशालाओं का हिस्सा होंगे। इस लैब में बालिकाओं द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित विभिन्न वर्किंग मॉडल तैयार किए जाएंगे। इन वर्किंग मॉडल का उपयोग शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में किया जाएगा।


केजीबीवी में 12वीं तक शिक्षा और विज्ञान वर्ग का विस्तार

योगी सरकार द्वारा प्रदेश के केजीबीवी को कक्षा 12 तक उच्चीकृत किया गया है। फिलहाल 476 उच्चीकृत विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई संचालित की जा रही है। इन विद्यालयों को दो श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें एक श्रेणी में एकेडमिक ब्लॉक के साथ हॉस्टल का निर्माण कराया गया है। इस एकेडमिक ब्लॉक में उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में केवल विज्ञान वर्ग की पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें कक्षा 9 से 12 तक की सभी छात्राओं को फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, हिन्दी और अंग्रेजी विषय पढ़ाये जाएंगे। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ऐसे विद्यालय उन्हीं क्षेत्रों में विकसित किए जाएं, जहाँ 3 किमी की परिधि में कोई अन्य राजकीय या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय न हो। इसके साथ ही केजीबीवी परिसर से सटी भूमि की उपलब्धता भी हो।


बेसिक शिक्षा मंत्री  संदीप कुमार सिंह ने कहा,

'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में शिक्षा को नए आयाम मिल रहे हैं। छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि और समझ विकसित करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बेटियों के लिए उज्ज्वल भविष्य के द्वार खोलने वाली यह योजना ₹29.84 करोड़ की लागत से लागू की जा रही है, जिसके दूरगामी और सकारात्मक परिणाम अवश्य सामने आएंगे।'

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