एन एच एम कर्मचारी संगठनो ने मांगी को लेकर सरकार को भेजा ज्ञापन
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- खबरें हटके
- Updated: 26 May, 2021 09:17
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PPN NEWS
लखनऊ
Report, Arif Mansoori
एन एच एम कर्मचारी संगठनो ने मांगी को लेकर सरकार को भेजा ज्ञापन
लखनऊ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कार्यक्रम कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश व अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने संयुक्त रुप से बैठक कर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संयुक्त तत्वाधान में यूपी सरकार के अड़ियल रवैए पर रोष व्यक्त करते हुए शीघ्र मांगों को पूर्ण करने की मांग की है कि मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन के बाद भी 25 प्रतिशत मानदेय भी नहीं मिला.
प्रदेश मीडिया प्रभारी विजय बाजपेई ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी संघ व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कर्मचारी संघ सहित अन्य संगठनों ने एक बैठक कर मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि कोरोना काल में सभी कर्मचारी जी जान से कार्य कर रहे हैं. बिना किसी भय के परिवार से अलग रहकर जिम्मेदारियां निभा रहे है फिर भी सरकार द्वारा उल्टा आरोप लगाया जा रहा कि स्वास्थ्य कर्मी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं यह बहुत दुखद बात है.
एन एच एम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष व आयुष फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे कर्मचारियों ने जो जी जान से कोरोना व राष्ट्रहित में जंग लड़ी है वह जितनी भी उसकी तारीफ की जाए कम है. कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के बजाय सरकार उन्हें तिरस्कार अपमानित करने का प्रयास कर रही जो पूर्णतया अन्याय है. यह बहुत दुखद बात है कि सरकार का द्वारा अनुचित प्रताड़ना कर्मचारियों के साथ की जा रही है
2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित 25% अधिक मानदेय भी नहीं दिया जा रहा जो कि भत्ता के रूप में देने की घोषणा की थी , उल्टे काम ना करने के झूठे आरोप मढ़ना सरकार की नियत में बन चुका है. अगर शीघ्र ही सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया तो सभी कर्मचारी संगठन अग्रिम कार्यवाही के लिय बाध्य होंगे.
जबकि एनएचएम कर्मियों के 25 जनवरी 2019 संगठन एवं शासन स्तर पर किए गए समझौते को लागू किया जाए एवं 2019 तबादला नीति का पालन किया जाए जो न्याय हित में है सरकार प्रत्येक दशा में लाचार दिखाई दे रही है एनएचएम कर्मियों के समायोजन के लिए सरकार को 4 जून 2021 तक का समय दिया गया है अगर उपरोक्त समय सीमा में सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में निर्णय नहीं लिया जाता है तो सभी कर्मचारी संघ निर्णय लेकर अग्रिम कार्यवाही के लिए मजबूरन बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी.
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