लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच लॉकडाउन की आशंका में घिरे लोगो का गावों की ओर पलायन

लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच लॉकडाउन की आशंका में घिरे लोगो का गावों की ओर पलायन

PPN NEWS

लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच लॉकडाउन की आशंका में घिरे लोगो का गावों की ओर पलायन  


कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की आशंका नोएडा से भी लोग गावों की ओर पलायन करने लगे हैं। हालांकि, प्रशासन लॉकडाउन और पलायन की आशंका से इनकार किया है। दिल्ली में सोमवार रात से लगे 6 दिन के लिए लगे लॉकडाउन से बिहार और पूर्वांचल के निवासियों की नींद उड़ने लगी है।

पिछली बार की तरह एनसीआर में न फंस जाएं, इसलिए उन्होंने घर जाना शुरू कर दिया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर घर जाते दिखे जा सकते है। लेकिन पिछली बार जहां ये लोग पैदल ही अपने घरो का रुख कर रहे थी, वही इस वाहनो का इंतजार करते और बसों पर सवार होकर अपने घरो का रुख करते देखे जा रहे है। 

किसी को बस का इंतजार है... तो कोई बस पर सवार है,… परिवार साथ है, तो घर गृहस्थी का समान भी है। नोएडा-ग्रेटर की सड़कों और बस स्टैंड का ये नजार अब आम हो चला है। हर किसी को उतावली है घर पहुँचने की इस लिए परिजनों और मित्रों के साथ घर जाते दिखे। बिहार के सिवान निवासी रजत कहते है कि वह नोएडा स्थित कंपनी में काम करते हैं। दिल्ली में लॉकडाउन हो चुका है। पूरी संभावना है कि यूपी में भी लॉकडाउन लगाया जाएगा। ऐसे में वह पहले ही साथियों के साथ घर जा रहे हैं।

इन मजदूरो का कहना है कि जब उनके पास कोई कामकाज ही नहीं है तो यहाँ रुकने का कोई मतलब नहीं बनता। इनमें से ज्यादातर लोग पूर्वांचल से सटे जिलों के हैं। काम बंद होने ग्रेटर नोएडा के बादलपुर चिनाई का काम करने प्रवासी मजदूर अपने गाँव महोबा के लिए निकले है ने बताया कि एक बिल्डर की साइट पर काम करते थे।

जिले में लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए घर जाने का निर्णय लिया, ताकि भविष्य में यदि लॉकडाउन की घोषणा की जाए तो किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। लेकिन वे बताते है वे 4 घंटे से खड़े पर वाहन नहीं मिल रहा है। जो बसे आ रही है वे रुक नहीं रही है।

परी चौक पर सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ लगी रही। यात्रियों को बस के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। रोडवेज के ग्रेनो डिपो के अफसरों का कहना है कि कौशांबी में बसों के लगने के कारण कुछ रूट पर दिक्कत आ रही है। यूपी रोडवेज के ग्रेनो डिपो के एआरएम लव कुमार का कहना है कि 60 से अधिक बसें कौशांबी भेजी गई हैं।

इन बसों को आगरा, बबराला और नोएडा-ग्रेनो रुट से हटाया गया है। कौशांबी में बस जाने की वजह से कुछ रूटों पर बसों की फ्रीक्वेंसी ज्यादा हो गई है। वहीं, ग्रेनो डिपो की बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। पहले 16से 17 हज़ार यात्री रोजाना सफर करते थे। वहीं, अब 19 से 20, हज़ार यात्री सफर कर रहे हैं।

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