लखनऊ हमारा है, किसानो का है, किसी के बाप की जागीर नहीं: राकेश टिकैत
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- Updated: 8 August, 2021 21:47
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प्रकाश प्रभाव
ग्रेटर नोएडा
लखनऊ हमारा है किसानो का है किसी के बाप की जागीर नहीं: राकेश टिकैत
जवान कभी सीमा पर हार के वापस आया है क्या वह तो कफन में लिपट कर आया या तो वह छुट्टी पर आया हैं... आंदोलन जारी रहेगा: राकेश टिकैत
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही किसानों ने सरकार पर अपना दबाव बढ़ाने के लिए यहां अपने आंदोलन को तेज करने लगे हैं. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे इन किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले ग्रेटर नोएडा के जेवर में एक महापंचायत का आयोजन किया. जिसमें किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने शिरकत की और किसान विरोधी कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग की. उन्होंने किसानों की जमीन के मुआवजा और 10% भूखंड दिए जाने आबादी की जमीन का निस्तारण की मांग को उठाया. इस सभा में हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया और सुबह से हो रही तेज बारिश के बावजूद भी किसानों का उत्साह देखते ही बनता था.
ग्रेटर नोएडा के जेवर टोल प्लाजा के पास सिकंदराबाद जेवर अंडरपास पर हजारों की संख्या में किसान इकट्ठे हुए, इन किसानों के हौसलों को नोएडा में लगातार हो रही बारिश भी असर नहीं दिखा पाई. महापंचायत में पाँच हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे. महापंचायत को देखते हुए भारी पुलिस व्यवस्था की गई थी. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत ने किसानों की महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा, कि जब तक सरकार नए किसी कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक किसान घर वापसी नहीं करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि यह समय कदम से कदम मिलाकर किसान हित में चल रही लड़ाई को लड़ने का है. किसान आंदोलन में भाग ले रहे यदि किसानों की माँगों को अगर सरकार नहीं मानती और काले कानून को वापस नहीं लेती तो विधानसभा चुनाव में जनता उसे सबक सिखा देगी.मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने लखनऊ हमारा है किसानो का है किसी के बाप की जागीर नहीं...
बाइट: राकेश सिंह टिकैत किसान नेता भारतीय किसान यूनियन
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश के स्थानीय किसानों के मुद्दे जिनमें जमीन का मुआवजा, 10% भूखंड दिए जाने और आबादी की जमीन का निस्तारण की मांग को भी इस महापंचायत में उठाया उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की सरकार नहीं है, यह मोदी की सरकार है जिसे कुछ कंपनियां चला रही हैं अगर यह बीजेपी के सरकार होती तो किसानों से जरूर बात करती, लेकिन मोदी सरकार कुछ कंपनियां चला रही हैं वह किसी से बात नहीं करती है. बीजेपी के नेताओं के किसानों को मवाली कहे जाने पर टिकैत ने कहा यह उनकी मानसिकता है वे चाहते हैं इन्हें गाली- गलौज करके हताश करके उनको भगा दो, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा... जवान कभी सीमा पर हार के वापस आया है या तो वह कफन में लिपट कर आया या तो वह छुट्टी पर आया हैं... आंदोलन जारी रहेगा ।
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