शहर पुलिस ने रास्ता भटके बच्चे को स्वजनों से मिलाया

शहर पुलिस ने रास्ता भटके बच्चे को स्वजनों से मिलाया

शहर पुलिस ने रास्ता भटके बच्चे को स्वजनों से मिलाया

पी पी एन न्यूज

(कमलेन्द्र सिंह)

फतेहपुर।

शनिवार को देर रात गश्ती के दौरान कोतवाली प्रभारी सतेंद्र सिंह ने एक रास्ता भटके नाबालिग बच्चे को उसके स्वजनों  के सुपुर्द कर दिया।

अपराध व अपराधिक वारदातों में अंकुश लगाए जाने के लिये फरार वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये चलाए जा रहे अभियान के तहत कोतवाली प्रभारी सतेन्द्र सिंह शनिवार देर रात अपने हमराहियों के साथ गश्त में थे।

इसी दौरान जैसे ही वह लोधीगंज बाईपास के पास पहुँचे तो उन्होंने एक 11 वर्षीय बच्चे को संदिग्ध हालत में टहलते हुए देखा।

जिन्होंने बच्चे के पास जाकर उससे प्यार जताते हुए उसका नाम व पता पूंछा जिस पर बच्चे ने उनको अपना नाम आवेश कुमार पुत्र रमेश चन्द्र पासवान निवासी ग्राम सैबसी थाना हुसैनगंज बताते हुए रोते हुए उनसे बताया कि वो रास्ता भटकने की वजह से यहाँ तक पहुंचा है। कोतवाली प्रभारी सतेन्द्र सिंह ने बच्चे को प्यार से दुलारते हुए चुप कराया।

और अपनी जीप में बिठाकर कोतवाली ले गये।

जहाँ से उन्होंने स्वयं रास्ता भटके बच्चे के घर फोन लगाकर बच्चे के रास्ता भटकने और अपने पास सुरक्षित होने की बात बताई।

बच्चे के सुरक्षित होने की खबर पाते ही स्वजन कोतवाली रवाना हो गये। जहाँ बच्चे को शकुशल और प्रशन्न मुद्रा में कोतवाली प्रभारी श्री सिंह की गोद मे चाकलेट खाते हुए देखकर उनकी मानवतावादी सोंच की भूरि भूरि प्रशंसा की।

कोतवाली प्रभारी श्री सिंह ने बच्चे को स्वजनों के सुपुर्द कर दिया।

बच्चे को शकुशल पाकर स्वजनों ने उनको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आपकी सूझबुझ और मानवतावादी सोंच की वजह से आज हमारा खोया हुआ बेटा हमें वापस मिल सका है।

अन्यथा यदि वो किसी शातिर के हाँथ लग जाता तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था।

इसके लिये हम सदैव आपके आभारी रहेंगे।

उनके वक्तब्य को सुनकर खुशमिजाज व कर्तब्यनिष्ठ कोतवाली प्रभारी श्री सिंह ने स्वजनों के प्रति उत्तर में कहा कि मै पुलिस अधिकारी होने से पहले एक इंसान हूँ। और एक इंसान का दूसरे इंसान की मदद करना ही परम् कर्तव्य है।

पुलिस अधिकारी होने के नाते आवाम की हर तरह सुरक्षा करना। मैंने सिर्फ अपने इंसान और पुलिस अधिकारी होने का फर्ज निभाया है।

इसमें धन्यवाद या आभार प्रकट करने जैसी कोई बात ही नहीं है।

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