दम तोड़ रही हैं प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं, गौशाला में लचर व्यवस्थाओं की भेंट चढ रहे हैं बेजुबान

दम तोड़ रही हैं प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं, गौशाला में लचर व्यवस्थाओं की भेंट चढ रहे हैं बेजुबान

प्रतापगढ 




29.04.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




दम तोड़ रही प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं,गौशाला में लचर व्यवस्थाओं की भेट चढ़ रहे हैं बेजुबान 



प्रतापगढ।डबल इंजन की सरकार बेहतर सेवाएं देने के कई दावे कर रही है,जहां गायों की सेवा और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गौशालाओं का निर्माण कराया।उसके बावजूद भी गौशाला में लचर व्यवस्था देखने को मिल रही है।पूरा मामला प्रतापगढ जनपद के विकासखंड मांधाता के ग्राम पंचायत सहेरूआ में बने गौशाला का है।जहां गौशाला की तस्वीर अलग कहानी बयां कर रही है।इस चिलचिलाती धूप में रहने को मजबूर इन गायों को खाने  में सूखा भूसा मिल रहा है।हरा चारा की जगह गौशाला में गोवंश सूखा भूसा खा रहे हैं।आए दिन मवेशी खाने के अभाव में मर रहे हैं, परंतु ग्राम प्रधान विकास सरोज व सेक्रेटरी भी अंजान बने हुए हैं।शासन ने गौशालाओं में बंद गायों और गोवंश को हरा चारा खिलाने का निर्देश दिया है।जबकि यहां पशुओं की नाद में सूखा भूसा पड़ा दिखा।वहां पर मौजूद लोगों से पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही चोकर,चूनी,खली का ही है सिर्फ और सिर्फ सूखा भूसा खाकर और गंदे पानी पीकर जीवित हैं।यही कारण है कि आए दिन गौशाला में जानवरों की मृत्यु हो जाती है।खाने-पीने की समुचित व्यवस्था के साथ रख-रखाव के नाम पर भी एक भारी-भरकम बजट शासन द्वारा दिया जाता है। आहार के रूप में भूसा, खली, चूनी, चोकर, कना, पशु आहार दिए जाने का मीनू निर्धारित है उसके साथ हरा चारा भी।पर यहां तो ठीक उल्टा देखने को मिल रहा है।सूखे भूसे के सहारे यहां बंधे गौवंश को जिंदा रखा जा रहा है।इस भीषण गर्मी में यहां गौवंशो की दशा को देखकर,उनके बेजान होते शरीर के हाड़ मास को देखकर दूर से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनके संरक्षण की दिशा में तथा इनका यहां कितना समुचित देखभाल हो रहा है सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।सरकार द्वारा गौशालाओं में खानपान के लिए दी जा रही धनराशि को डकार ले जा रहे हैं ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी।आखिर ऐसे भ्रष्टों पर उच्चाधिकारी कब करेंगे कार्यवाही।

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