हर युग में प्रासंगिक रहेंगे देवी भागवत के प्रसंग--अवधेश जी महाराज
प्रतापगढ
22.05.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
हर युग मे प्रासंगिक रहेंगे देवी भागवत के प्रसंग:अवधेश जी महाराज
प्रतापगढ़।प्रतापगढ जनपद के लालगंज क्षेत्र के कंजास में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा के छठवें दिन कथा व्यास आचार्य अवधेश मिश्र महाराज ने देवी महिमा का बखान करते हुए उनकी साधना के प्रभाव का वर्णन किया।उन्होंने कथा के मर्म को समझाते हुए बताया कि वर्तमान में ही नही बल्कि सतयुग, त्रेता, द्वापर में भी राम, लक्ष्मण, कृष्ण आदि को राक्षसों के विनाश हेतु देवियों की तपस्या करनी पड़ी।भारत मे आज भी नारियों की पूजा और सम्मान इसी भागवत से ही प्रासंगिक हैं।उन्होंने राम द्वारा तमाम राक्षसों के वध से धरती को मुक्त कराने में देवियों के त्याग बलिदान की भी बातें बतायीं।एक देवी ने राम को भगवान बना दिया तो कृष्ण को सुदर्शन धारी ।कलियुग में देवी कथा के महत्व को बताते हुए धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पर भी चर्चा की।आयोजक आर. एल. भैया जी ने आए हुए समस्त श्रद्धालुओं का स्वागत आभार व्यक्त किया। मुख्य यजमान के रूप विद्या प्रसाद चतुर्वेदी, एवम् वेद प्रकाश चतुर्वेदी ने महराज श्री एवं आगन्तुकों का रोली चंदन लगा कर स्वागत किया । इस अवसर पर ओज कवि अंजनी अमोघ, सूर्य मणि, नीरज तिवारी, हरि प्रसाद तिवारी, कमलेश शुक्ल, राजन चतुर्वेदी, सत्य प्रकाश, भानु प्रकाश, चंद प्रकाश, सुरेंद्र गौतम, हरि शंकर तिवारी आदि भक्तगण मौजूद रहे।

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