शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक का निधन, महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी आंखों में आंसू
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- Updated: 25 November, 2020 12:45
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prakash prabhaw news
लखनऊ।
रिपोर्ट - सर्वेश आबिदी
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक का निधन, महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, जवान सबकी आंखों में आंसू
लखनऊ. जाने-माने शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक का मंगलवार की देर शाम निधन हो गया। वो पिछले काफी समय से गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती थे। मौलाना सादिक के बेटे कल्बे सिब्तैन नूरी ने बताया कि उनके पिता ने लखनऊ के एरा अस्पताल में रात लगभग 10 बजे अंतिम सांस ली।
कैंसर, गंभीर निमोनिया और संक्रमण से पीड़ित 81 वर्षीय मौलाना सादिक पिछले करीब डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें बीते 17 नवंबर को सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया के चलते आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। वो पिछले कई दिनों से आईसीयू में ही एडमिट थे. मगर उनकी हालत बिल्कुल नहीं संभली।
अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को उनकी हालत और भी बिगड़ गई थी और देर रात उनका निधन हो गया।
कल्बे सादिक के निधन की खबर सुनते ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी यूनिटी कॉलेज पहुंचे।
बड़ी तादाद में कल्बे सादिक से चाहने वाले दूरदराज से महिला, बच्चे व बुजुर्ग नौजवान आखरी दीदार करने के लिए कतार लगाए खड़े थे। गरीबों के मसीहा के दीदार के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी पहुंच रहे थे। तहसीनगंज हुसैनाबाद के यूनिटी कॉलेज में नमाजे जनाजा के लिए सफे बनना बनी जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। मौलाना की नमाजे ज़नाज़ा घंटाघर पर हुई जिसमे टीले वाली मस्जिद के इमाम अब्दुल मन्नान ने नमाज़े ज़नाज़ा पढ़ाया।
लोगों ने क्या कहा
टीले वाली मसजिद के इमाम ने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा दुःख ज़ाहिर किया है।
इमाम मौलाना फजले मनान ने बताया कल्बे सादिक का निधन मिल्लत से सरपरस्त का उठना है। कल्बे सादिक शिया-सुन्नी इत्तिहाद के अलम्बरदार थे। मरहूम मौलाना फजलुर्रहमान से मौलाना कल्बे सादिक के पुराने रिश्ते थे।
टीले वाली मसजिद में 2016 में शिया-सुन्नी नमाज़ मे कल्बे सादिक शामिल हुए थे। मौलाना कल्बे सादिक की इल्मी ख़िदमात को हमेशा याद रखा जाएगा। सभी लोग मौलाना कल्बे सादिक के लिए दुआए मगफिरत करें।
आपको बताते चले कि मौलाना कल्बे सादिक दुनिया भर में अपनी उदारवादी छवि के लिए जाने जाते थे। मौलाना कल्बे सादिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष होने के साथ एशिया के एक बड़े इस्लामिक स्कॉलर भी थे।
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